मध्यप्रदेश में सहकारिता क्षेत्र में स्मृति बैंक की प्रगति पर एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है जो प्रदेेश में सहकारिता क्षैत्र के अवरोधों को दूर कर आगे बढ़ाने के लिये नीति निर्धारण में उपयोगी बन सकेगी।
दिल्ली स्थित एक गैर शासकीय संस्था नीति फाउण्डेशन के प्रतिनिधियों नें रिपोर्ट बनाने के लिये तीन दिन बैंक की शाखाओं, कर्मचारियों और ग्राहकों से सम्पर्क किया। उन सूत्रों को समझा जिनकें कारण अत्यंत अल्प समय में स्मृति नागरिक सहकारी बैंक प्रदेश का सबसे बड़ा नागरिक सहकारी बैंक बन सका है। स्मृति बैंक को पिछलें दिनों एसोसिऐशन आफ चेम्बर आफ कामर्स एवं इण्डस्ट्रीज (एसोचेम) द्वारा देश में दूसरा सर्वश्रेष्ठ सहकारी बैंक का सम्मान दिया था।
नीति फाउण्डेशन के मुख्य समन्वयक डा. श्री सूरज कुमार एवं श्री हितेेश खन्ना द्वारा बैंक के द्वारा किये गए उत्कृष्ट तथा अनुकरणीय कार्य प्रणाली को सराहा तथा स्मृति बैंक को आदर्श मानकर उसे अन्य शहरी को-आपरेटिव बैंकों में किस प्रकार लागू किया जा सकता है इसका अध्ययन किया। नीति फाउण्डेेशन द्वारा बैंक के ग्राहको, बैंक के कर्मचारियो/अधिकारियो, बैंक के व्यवसायिक प्रतिनिधियों के लिए तैयार की गयी एक प्रश्नावली को पूर्ण करवाया गया तथा बैंक के व्यवसायिक प्रतिनिधियों के माध्यम से उनके ग्राहकों तथा स्वसहायता समूहों का साक्षात्कार भी लिया।
बैंक के संस्थापक संचालक श्री नरेन्द्रजी नाहटा ने नीति फाउण्डेशन को शहरी को आपरेटिव बैंको को अपना व्यवसाय बढ़ाने में आ रही कठिनाईयो से अवगत कराया। श्री नाहटा ने बताया कि इन्ही अवरोधों के चलते प्रदेश में नागरिक सहकारी बैंक अन्य राज्यों की तुलना में बहुत पीछे है।
यह रिपोर्ट राज्य शासन एवं रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत की जायेगी। अप्रेल माह के प्रथम सप्ताह में आयोजित कार्येशाला में रिपोर्ट पर चर्चा के आधार पर प्रदेश में नागरिक सहकारी बैंको को आगे बढ़ाने के लिये नीति परिवर्तन के निर्णय हो सकेंगे।
जी.टी. हेमनानी
मुख्य कार्यपालन अधिकारी
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क्रं.................... दिनांक 21.3.2016
प्रति
सम्पादक महोदय
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